टांगे तोड़े रे महँगाई, का बताई ककुआ
सत्तर रूपया में दाल हुइ गयी, अस्सी मा भा प्याज
बीस रुपइया बढ़ी मंजूरी, कइसे पेट चलाई
का बताई ककुआ……..
जीना मुश्किल हुईगा भाई, का बताई ककुआ
टांगे तोड़े रे महँगाई, का बताई ककुआ
लोग कहे मज़दूरी बढ़िगे, मज़दूरन के ठाठ
चालीस रूपया में आटा हुइगा, चूल्हा देखै बाट
का बताई ककुआ…….
जीना मुश्किल हुईगा भाई, का बताई ककुआ
धनिया, मिर्चा महंगा हुइगा, हल्दी रेट बढ़ाई
लहसुन पकड़ि लिहिस महंगाई, का बताई ककुआ
का बताई ककुआ…….
जीना मुश्किल हुईगा भाई, का बताई ककुआ
रूई दुफरदा महंगा हुइगा, महंगी हुई भरायी
घर मा रहि गयी न रजाई
का बताई ककुआ…….
जीना मुश्किल हुईगा भाई, का बताई ककुआ
टांगे तोड़े रे महंगाई…….