हमारे यहां के बहुत लोग बाहर चले गयें| आवास की जगह नहीं है, कटान रूक नहीं रही| सब लोग भाग रहे हैं, गांव खतम हो रहे हैं| कटान ने हम लोगों को सडक पर ला दिया है| बहुत आवेदन किया बसाने के लिए, अधिकारी आश्वासन भी दियें लेकिन बसाने कोई कहीं नहीं बसा रहा है| गरीबों की कहीं कोई सुनवाई नहीं है| हम कब तक ऐसे सडको पर पडे रहेंगे? यह कोई जिन्दगी?
बदलूराम– हरिजन सेवा समिति, काशीपुर