जाग मेरी बहना – जाग मेरे भइया

जाग मेरी बहना जाग मेरे भइया

शारदा से कटने न पाये मडइया

जाग मेरी बहना जाग मेरे भइया ……….|

बीते जमाने में अपना भी राज था |

गांवो में खुशिया थी खेतों में नाज था |

घर के बयालों में गाये चिरैया

शारदा से कटने न पाये मडइया

जाग मेरी बहना जाग मेरे भइया ……….|

चलकर सरकार से पूछे सवाल रे

शारदा से कटते हुए बीते साठ साल रे

डूब गयी कितनो की जीवन की नैइया

शारदा से कटने से न पाये मडइया

जाग मेरी बहना जाग मेरे भइया ……….|

मंत्री से चलो चले पूछें सवाल रे

हर साल डूबे गांव कैसी ये चाल रे

तुम ही डुबाते हो बनके खिवैया

शारदा से कटने से न पाये मडइया

जाग मेरी बहना जाग मेरे भइया ……….|

सीतापुर जिले का बहुत बुरा हाल रे

आधे में सूखा है आधे में बाढ रे

शासन प्रशासन न कोई सुनैया

शारदा से कटने से न पाये मडइया

जाग मेरी बहना जाग मेरे भइया ……….|

सोये हुये लोगों को अब हम जगायेंगे

बहुत कुछ सहा है न अब हम सहेंगें

अपनी ही नैया के हम खुद खिवैया

दुष्‍टो से लडने को एक हो जा भइया

शारदा से कटने से न पाये मडइया

जाग मेरी बहना जाग मेरे भइया ……….|

                                                                                       सुरबाला वैश्‍य सतनापुर  
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