टांगे तोड़े रे महँगाई, का बताई ककुआ सत्तर रूपया में दाल हुइ गयी, अस्सी मा भा प्याज बीस रुपइया बढ़ी मंजूरी, कइसे पेट चलाई का बताई ककुआ…….. जीना मुश्किल हुईगा भाई, का बताई ककुआ टांगे तोड़े रे महँगाई, का बताई ककुआ लोग कहे मज़दूरी बढ़िगे, मज़दूरन के ठाठ चालीस रूपया में आटा हुइगा, चूल्हा देखैContinue reading “टांगे तोड़े रे महंगाई”