2008 में 6 बीघा जमीन कट गयी और अब फिर घर के किनारे नदी आ गयी है। अगर कटान हुआ तो असईपुर में मेरा सबसे पहला घर होगा जो कटेगा। कटान रोको संघर्ष मोर्चा की लगातार कोशिशों से पिछले साल बारिश के समय प्रशासन ने सीमेन्ट की बोरियां लगायी। थोडा काम हुआ लेकिन हम कटने से बच गये। हम सब लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। सरकार के लिए तीन करोड क्या होता हैं? हमारी जिन्दगियों का सवाल है। अगर इस बार कटेगा तो बाल बच्चे कहां रहेंगे, यह सोचकर मन घबराता है।
रामगोपाल यादव– असईपुर