शिकायतों का पुलिन्‍दा

मेरे पास शिकायतों का पुलिन्‍दा है मुख्‍यमंत्री को पांच, प्रधानमंत्री को तीन, राषटपति को दो, राहुल गांधी को एक बार पत्र भेजा चुका है। मुझे लगता है कहीं न कहीं कोई न कोई तो सुनेगा। कुछ तो कार्यवाही नहीं होगी। लेकिन नहीं, कहीं से कोई कार्यवाही नहीं हुयी। डी.एम. को लोकवाणी किया कोई जवाब नहीं मिला। ठण्‍ड में तिरपाल के नीचे ओस टपकती है। बारिश में हम नारकीय जीवन बिताते है। अपने बच्‍चों का लेकर कहां जायें? कटान की तरह ही लोगों को बसाने की भी बडी समस्‍या है। अब तो जिद है कि चाहे कुछ भी करना पडे अपने गांव को कटान से बचाना और बसाना है।

जगदम्‍बा शर्मा काशीपुर

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